Wednesday, June 17, 2009

ऐवालॉज की दुनिया

ऐवालॉज की दुनिया में आपका स्वागत है...देखने में ये एक इमारत है जिसे एक अंग्रेज अधिकारी ने अपनी महबूबा ऐवा के लिए बड़े ही प्यार से बनाया था। इसके बाद ये बना हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री का निवास... लेकिन बाद में इस ईमारत को यूनिवर्सिटी को दे दिया गया... और मुख्यमंत्री के बाद यहां मेरे जैसे स्टूडेंट रहने लगे... और यहां रहने वाला हर स्टूडेंट अपने आपको सीएम ही समझता था... संयोग से मुझे इस हॉस्टल में कमरा नम्बर एक मिला... जो कभी सूबे के पहले सीएम का बैड रूम था... और बाद में हॉस्टल के मठाधीशों का कमरा हुआ करता था... जैसे ही मैने इस दुनिया में कदम रखा तो मुझे अहसास हो गया कि यहां क्या ख़ास है... दरअसल, इस दुनिया में वो सबकुछ है जो माक्र्स और लोहिया अपनी दुनिया में लाने के लिए संघर्ष करते रहे। यहां सिनियर्स जूनियर्स के बीच खूब प्यार था... और यहां रहने वाले स्टूडेंट इसे हॉस्टल नहीं बल्कि अपना घर ही समझते थे... अब ये न जाने इस इमारत की बनावट की खासियत थी या यहां रहने वालों की... लेकिन यहां जो भी अक्खड़ आता जल्द ही एवालाजियन बन जाता था... एवालाजियन यानी पढ़ाई से लेकर लड़ाई-झगड़े, फालतू के पंगे और जमकर हुल्लड़बाजी करने वाला शख्स... लेकिन साथ ही साथ बेहद संवेदनशील भी... ये सब हमारे सिनियर्स हमें सिखाते थे और हम अपने जूनियर्स को.. यहां रहने वाले तमाम लोग "चीते' हैं... लेकिन एलटीटीई के नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले ...जिन्हें यहां कदम रखते ही ये सिखाया गया कि.....ऐवालाज के चीते हैं, शान से जीते हैं। बस, यही बात दोहराते-दोहराते पता ही नहीं चला कब एमबीए की पढ़ाई पूरी की और फिर पत्रकारिता में एडमिशन ले लिया। इस दुनिया में रहने के लिए रूपए पैसे की भी ज्यादा ज़रूरत नहीं होती थी... जिसकी भी जेब में पैसा होता था उसपर सबका अधिकार होता था। ऐवालॉज की दुनिया में कई बातें अलग होती थीं। मसलन, शिमला की सर्दियों में जब नहाने का मन न हो तो माईकल बाथ ले लो... माईकल हमारे सिनियर थे। वो अक्सर बाल्टी में पानी भर कर नहाने के लिए हॉस्टल के बाथ रूम में जाते थे, लेकिन बाल्टी का सारा पानी बाथरूम की दीवारों पर फेंक कर... आंखों में पानी के छींटे डालकर कांपते हुए और कुछ बड़बड़ाते हुए बाहर आते थे... और वो जनाब महीनों इसी तरह का बाथ लेते थे। खैर, वो तो चले गए, लेकिन हमारे लिए छोड़ गए माईकल बाथ। कहने को तो ये हॉस्टल था लेकिन यहां अक्सर लाल बत्ती वाली गाड़ियां दिखाई देती थी। किसी और की नहीं, एवालॉजियन्स की। दरअसल यहां रहने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स का सपना लाल बत्ती की गाड़ी पाना होता था और वो कठिन पढ़ाई कर इसे हासिल करते भी थे। वे जब भी शिमला आते थे तो अपने घर यानी ऐवालॉज आना नहीं भूलते। इसके अलावा भी कई किस्से हैं। ऐवालॉज ने बहुत कुछ सिखाया। हालांकि अब मैं असल दुनिया में जी रहा हूं लेकिन रह-रह कर ऐवालॉज की दुनिया याद आती है। आए भी क्यों न? उस दुनिया में अव्वल तो कोई परेशानी नहीं होती थी... अगर होती भी तो वो चुटकियों में दूर हो जाया करती थी? ऐवालॉज में बिताए चार साल अब भी याद हैं और ताउम्र याद रहेंगें... सपनों को भूला थोड़े ना जाता है।

11 comments:

रोहित कुमार 17 June, 2009 23:29  

shimla ki wadiyon ke baare me bhi batana

राजन अग्रवाल 17 June, 2009 23:33  

shimla ki wadiyon ke baare me bhi batana. kuch achhi photos bhi chahiye...

rajan

Unknown 17 June, 2009 23:39  

एवालोज के चीते हैं... शान से जीते हैं... गुड है भाई...

deepak sharma 17 June, 2009 23:45  

चिठाजगत में आपका स्वागत है
बढ़िया लिखा है

Arvind Kumar Sharma 17 June, 2009 23:52  

achi suruaat hai...aage badho...hum tumhre saath hain....
arvind sharma

Anonymous 18 June, 2009 01:09  

जो भी वहां पढ़ा है, हिमाचल यूनिवर्सिटी की वादियां उसकी यादों में हमेशा कैद रहेंगी..। एक जगह आकर दक्षिणपंथी भी वामपंथियों से ज़्यादा फॉरवर्ड हो गए..। एबी हॉस्टल पर भी ब्लॉग होना चाहिए..। वैसे अब न तो एबी हॉस्टल लाल रह गया है..और अवा लॉज की रिवायत भी अब सिर्फ यूनिवर्सिटी के किस्सों का हिस्सा है..।

शून्य 05 November, 2009 04:53  

मेरा तो ये सपना ही रह गया......

आओ बात करें .......! 01 January, 2010 05:28  

यादें तो होती हैं संजोने के लिए ही..........लेकिन बात सिर्फ इतनी है की कोई शिद्दत से याद तो करे.
एवालोज कभी तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ेगा......चाहे कितना भी भुलाने की कोशिश करो रोहित प्यारे.......
happy happy Avalodge Guys

Unknown 13 February, 2011 01:29  

dear rohit,
i am also missing those days while reading all posted by you.Those moments have become the parts of my life. remain writing about avalodge in future.

Rupender Thakur(nitu)

Unknown 10 April, 2011 03:34  

bhai sahab photo to aslee lagaa do avaloge ki....vice regal lodge(advance study) hata do plz...

Unknown 10 April, 2011 03:35  

face book pe group crear huaa hai join there too...

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